بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ
قَالَ رَبِّ اشْرَحْ لِي صَدْرِي ﴿۲۵﴾
उसने कहा, हे प्रभु, मेरे सीने को खोल दे
وَيَسِّرْ لِي أَمْرِي ﴿۲۶﴾
और मेरे लिए मेरा काम आसान कर दे
وَاحْلُلْ عُقْدَةً مِنْ لِسَانِي ﴿۲۷﴾
और मेरी जीभकी गाँठ खोल दे
يَفْقَهُوا قَوْلِي ﴿۲۸﴾
[ता कि] मेरे शब्दों को समझें
सूरह मुबारक ताहा
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